अनजाना एहसास

अनजाना एहसास 
कैसे मैं तुझे बताऊ कि मन कि बगिया में तेरा इंतज़ार है । तू मुझसे, मैं तुझसे दूर हु............!अकेलेपन का अँधेरा मुझे घेरे हुए है । पर अकेला कहा हु मैं, तेरे ख्वाबो के उजाले जो मेरे साथ है। रात का अँधेरा और भी गहरा हो रहा है | मन की डाली  तेरी यादों के पंछी से गुलज़ार है | मैं  इन्हे ख़ामोशी से देखता रहता हु......... बिलकुल अकेले | 

लोगों को मैंने अक्सर कहते हुए सुना हैं  कि अकेलापन काफ़ी बोझील होता है | अकेलेपन का दर्द शायद अनकहा होता है | पर ये मेरा अकेलापन कहाँ बोझील हैं | वहाँ तो तेरी यादों के काफिले लगे हुए हैं | उन हसींन पलों के यादों का मेला तो आज भी उतनाही महक भरा है, जैसे अपनी चाहत हैं | चाहत का ये सारा किस्सा उसी का तो हिस्सा है जो दोनों के दिल में धड़कता हैं | 

रात के गहरे अँधेरे से और निचे उतारकर मैं तेरी गहरी आँखों में डूब जाता हु, जहा तेरे प्यार का गहरा सागर और भी गहरा होता जाता हैं | प्यार की गहराई से  भी और कुछ गहरा हो सकता हैं  जिंदगी में | ये बिन सौदे का ख़्वाब अब मैं यु हीं देखता रहता हूँ |  इन हसींन ख़्वाबों को मैंने अपनी आँखों में क़ैद कर लिया हैं | पता नहीं मैंने  इन ख्वाबों को क़ैद कर लिया हैं  या तेरे ख़्वाबों ने मुझे .........  | 

इसी हसींन उजली यादोँ  में मेरा बावरा मन यु ही भटक रहा हैं | यादोँ  के अनजाने रास्तों में तुझे ढूढ़ रहा हैं | मैं अक्सर सोचता रहता हुँ कि इन अनजान ख़्वाबों को क्या नाम दु........ पर प्यार का भी कोई नाम होता हैं भला ......... ! तेरा प्यार तो मेरे ख़्वाबों का एक एहसास हैं | अनजाना सा ही सही......... ! अनकहा ही सही.......... !

उम्मीद हैं आप को अपने अनजाने प्यार की याद या रहीं होगी।  अपने उस अनजाने प्यार की भावनाओं को ज्यादा से ज्यादा दूसरे तक पहुचाये ताकि उनके भी अनजाने प्यार की भावनाएं जीवित हों।  इसी शुभ कामनाओं के साथ आप सभी प्यार करने वालो को समर्पित।  
  



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