COVID -19 |
कोरोना वायरस कितना खतरनाक हैं और ये कैसे फ़ैलता हैं इसका जीता जागता उदाहरण चाइना और इटली, जर्मनी तथा दूसरे अन्य पश्चिमी देशों में देखने को मिल रहा हैं | अकेले इटली में एक दिन में कुल ७५० के करीब मौते हुईं हैं | दुनिया भर में कुल मामलों की संख्या दो लाख से अधिक हो गयी हैं और महामारी के कई वैज्ञानिकों का मानना हैं कि, संक्रमण का वास्तविक आंकड़ा एक अरब के करीब हो सकता हैं क्योकि परिक्षण और रिपोर्टिंग अधूरी हैं |
COVID -19 ने चीन तथा कुछ पश्चिमी देशों में अपना शिखर पार कर लिया हैं | और भारत में भी यह खतरा दस्तक दे रहा हैं | कंप्यूटर मॉडलिंग से पता चला हैं कि प्रत्येक COVID -19 मामला दूसरे अन्य लोगो को संक्रमित करता हैं अगर लोगों को अलग रखने का कोई प्रयास नहीं किया जाता हैं | वायरस एक कदर खतरनाक है कि अगर बुँदे एक सतह पर गिरती हैं, तो सक्रिय वायरस कार्डबोर्ड पर २४ घंटे और प्लास्टिक तथा स्टील पर दो या तीन दिन तक रह सकता हैं | संक्रमण और दिखने वाले लक्षणों के बिच २ से १४ दिनों का अंतर हो सकता हैं | वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, लगभग ५ दिन सबसे खास हैं | COVID -19 के खिलाफ सुरक्षा का सबसे प्रभावी तरीका अन्य लोगों के साथ दूरिया बढ़ाने का हैं और यदि संभव हो तो मिलने पर दो मीटर दूर रहे | अपने हांथों को बार बार सांफ करे उन्हें अपने चेहरे से दूर रखे और खाँसी तथा छींक को अपनी कोहनी से कवर करें |
COVID -19 |
जब आप संक्रमित होते है तो क्या होता हैं ? वायरस श्वशन मार्ग के भीतर प्रवेश करता हैं, जहाँ लक्षण विकसित होते हैं | शुरूवात में हल्का बुख़ार या खाँसी से संक्रमित व्यक्ती पीड़ित होता हैं | कुछ गंभीर मामलों में, एक घातक "साइकोटिक तूफ़ान' हो सकता हैं, जिसमें रेजिस्टेंस सिस्टम ओवरड्राइव में जाती हैं जो शरीर के अन्य अंगों को नष्ट कर देती हैं | इस बीमारी से निपटनें के लिये जिस उपकरणों और केमिकल्स की आवश्यकता होती हैं जो कई देशों में कम तादात में हैं | इसलिये शोधकर्ता तेज़ी से सस्ते और अधिक पोर्टेबल परिक्षण विकसित करने के लिए दौड़ रहे हैं | लेकिन अब तक कोई महत्वपूर्व परिवर्तन नहीं पाया गया | COVID -19 के संपर्क में आने वाली आबादी के परीक्षण का थर्ड स्टेज दिखाएगा कि कितने लोग संक्रमित थे | COVID -19 ने इलाज के लिए नई दवाओं को डिज़ाइन करने का मौक़ा भी नहीं दिया | इस बीमारी का ख़ौफ़ ये है कि यह बीमारी एक वर्ष के अंदर दुनिया की आधी आबादी को प्रभावित कर सकती हैं | ख़ासतौर पर हेल्थ केयर को |
चीन में हजारो लाशों को उनके परिवारों से पुँछे बिना दफनाया गया | इटली में भी किसी भी लाश को कोई कंधा देने नहीं आ रहा हैं | वे इंसान जब जिन्दा थे तो अकेले हो गए और मरे तो लावारिस | भारत के लोगों ने भी इसे मज़ाक नहीं समझना चाहिए | अगर आप सच में जिन्दा रहना चाहते है तो सीरियस हो जाइये, वरना आने वाले खतरे की कल्पना करना मुश्किल हो जायेगा | देश-दुनिया में कोई भी मुसीबत हमारे भारत देश के लोगों के मज़ाक, हँसी का साधन बन जाती हैं | पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाले COVID -19/CORONA का जितना मज़ाक़ भारत में हो रहा हैं उसका आधा मज़ाक़ भी पूरी दुनिया के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं क्योकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आँखों के सामने अपनों को बेबस मरते हुए देखा हैं | उनको इस खतरे का ना सिर्फ अंदाज़ा हुआ बल्कि उसे भुगता भी हैं | भारत में हालाँकि उतने मौते नहीं हुई है क्योकि अभी हम वायरस फ़ैलने के सेकंड स्टेज पर चल रहे हैं | कल्पना करना मुश्किल हो जायेगा जिस दिन ये थर्ड स्टेज पर पहुंचेगा | जिन देशो में ये तीसरे स्टेज में पहुंचा उससे १०० गुना बत्तर हालत भारत की होगी | क्योकि यहाँ के लोगो को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मज़ाक बनाने में वक्त बीतता हैं | दिल्ली के आनंद विहार में जिस तरह मज़दूरों का जमावड़ा, था सोच के परे था | लोगों की नासमझ भीड़ के अंदाज़ ने भारत में कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया | वही किस्सा दिल्ली के निज़्ज़ामुद्दीन में किसी मस्जित में हुआ | कुल १४०० लोगो की सामाजिक भीड़ ने फिर दिखा दिया की हम कितने जागृत लोग हैं | वजह ये है की, विदेश में सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहाँ की सेना, स्थानिय प्रशाशन, पुलिस पालन करवाना जानती हैं |
मुझे ये लिखने में खेद हो रहा हैं कि , हमारे भारत देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और शेखी बघारने के लिए नियमों की धज्जियाँ उड़ाने में गर्व महसूस कर आनंदित हो रहे हैं | भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वाथ्य सेवाएं इस ख़तरे को भांप चुकी है | स्कूल, कॉलेज, ट्रैन, मॉल, फ़ैक्टरिया, सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद किये जा चुके हैं | लेकिन कुछ बीमार मानसिकता के लोगों को यह सब मज़ाक़ लग रहा हैं | जिस दिन मज़ाक़ समझने वालो की माँ , बाप, बीबी, बेटा, बेटी या करीबी इसकी चपेट में आयेगा उस दिन सारी मज़ाक़ धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त एक दूसरे को कोसेंगें की सरकारने हमारे परिजनोंकी की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला | जिस तरह वहाँ की जनता ने वहाँ के सरकारों का साथ दिया उसी तरह हम भी गंभीर हो जायें | खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डॉक्टरों के पास इसका पूरा इलाज है | कुछ लोग ठीक होकर वापस घर भेज दिए हैं | जो भर्ती है उसमें ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा हैं | कृपया भविष्य बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतनी जरुरी हैं |
दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल से प्रेरित और प्रभावित हुए है तो हम समझेंगे कि देश के प्रति हमारी यह छोटी सी कोशिश क़ामयाब हुई हैं और इसमें हमें बेहद ख़ुशी हैं | हम चाहते हैं कि लेख को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे ताकि समाज में सतर्कता जागृत की जा सके |
दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल से प्रेरित और प्रभावित हुए है तो हम समझेंगे कि देश के प्रति हमारी यह छोटी सी कोशिश क़ामयाब हुई हैं और इसमें हमें बेहद ख़ुशी हैं | हम चाहते हैं कि लेख को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे ताकि समाज में सतर्कता जागृत की जा सके |
Good
ReplyDeleteThanks Swamy
ReplyDeleteThanks Rohit for your comments. If you need any help from me don't hesitate. A friend is in need a friend indeed.
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