क्या जीवन जीने लायक नहीं हैं ?

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Happiness 
जिंदगी में ऐसा समय भी आता हैं जब बहुत कुछ पूछने और बताने का मन करता हैं, तब हम अकेले होने के बहाने ढूंढ़ते हैं। तब हम प्रश्न भी स्वयं पूछते हैं और उत्तर भी स्वयं ही देते हैं। जीवन में कुछ बाते इतने स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होती है कि हम चीजों को या दुनिया को अलग तरीक़े से देखना शुरू करते हैं। इसी अलग देखने के नज़रिये के साथ हम तनाव में जीने लगते हैं और ये मानने लगते हैं कि जीवन जीने लायक नहीं हैं।

ये सच्चाई हैं जो हमेशा विरोधाभासी लगती हैं कि यदि आप दुखी है या दयनीय है तो आप जीवन से अधिक चिपके रहते हैं। और इसी आशा के साथ अपनी पूरी जिंदगी गुजार देते हैं। खुश रहने वाला आदमी कभी भी जिंदगी से नहीं चिपकता। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके पास सब कुछ हैं ..... शान, शौक़त, रुतबा, पैसा, इज़्ज़त। फिर भी वो जीवन से इतने ख़फ़ा क्यों हो जाते हैं। क्यों अपने जीवन को इस कदर ख़त्म करते हैं ? क्या कमी रह जाती होगी उनके जिंदगी में ? दरअसल हम सोचने की आदत को हासिल करने से पहले जीने की आदत में पड़ जाते हैं और उस दौड़ में बेवज़ह रोज मौत को अपनी और ले आते हैं। मौत एक दिन सबको आनी हैं और वो खुद बख़ुद आ रही हैं , लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जो क़ीमती जीवन आपको मिला हैं उसे आप खो दे। सबके अपने अपने जीने के ढंग हैं , हो सकता हो आप का जीवन जीने लायक नहीं हो। निश्चित रूप से यह एक सत्य हैं - लेकिन जिस अस्तित्व के साथ आप जुड़े हैं उस अस्तित्व की जड़ों को उखाड़ फेंकने का आप को कोई अधिकार नहीं। फिर भी अगर आप ऐसा करते हैं या करने की सोचते हैं हो आपसे बड़ा कोई और दूसरा कायर नहीं होगा। लेकिन ये तार्किकता हमेशा आसान नहीं होती। अपनी मौत के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों ? आपके ना चाहते हुए भी वो आप के पास आ रही हैं, तुम्हे उसे जाकर मिलनेकी जरुरत नहीं हैं। हो सकता हैं जिंदगी में हमारी इच्छाएं / उम्मीदें पूरी ना हो, हो सकता हैं शायद जिंदगी वैसे नहीं चल रही हो जैसा हम सभी चाहते हैं, हो सकता हैं हम परेशानी महसूस करते हों। ऐसी चिंता की वजह से खुद को ख़त्म करने का क्या मतलब हो सकता हैं ? ये सच्चाई हैं कि हम सब frustration महसूस करते हैं और इसी फ़्रस्ट्रेशन में सब कुछ ख़त्म करने का मन होता हैं। और तब सिर्फ़ दो ही संभावना होती हैं - या तो किसी और को मारो या खुद को। लेकिन हो सकता हैं किसी और को मारना खतरनाक हैं, इसीलिए लोग खुद को मारने की सोचते हैं।

डिप्रेशन हर किसी को भी प्रभावित कर सकता हैं इसके बावजूद कि आप अमीर हैं या ग़रीब हैं, युवा हैं या बूढ़े हैं, किस धर्म से या किस नस्ल के हैं। डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति में कही न कही जीवन को त्यागने की इच्छा का बीज छिपा रहता होगा और किसी भी तरह की समस्यांओ से घिरने पर वह बीज अंकुरित हो जाता होगा। इसी तरह लोग आत्मघात की ओर चले जाते हैं। पर ऐसा नहीं की सिर्फ डिप्रेशन से ही लोग ऐसा कदम उठाते हैं, आप को दुनिया में ऐसे लोग भी देखने को मिलेंगे जिनके दुखों की दास्ताँन सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएं और देखनेवाला ये सोचने पर मजबूर हो जाएँ कि यह आदमी जी कैसे रहा हैं। व्यक्ति का अकेलापन उसकी अपनी निजी स्वतंत्रता हो सकती हैं क्योकि अकेला होना हमेशा बेहतर होता हैं। बेवजह के नकली रिश्ते होने के बजाय अकेला होना ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता हैं क्योंकि नकली रिश्ते छाया की तरह होते हैं, वे धुप में आपका पीछा करते हैं लेकिन आपको अँधेरे में छोड़ देते हैं। हमारा जीवन मूल्यों पर आधारित हैं, यही हमें निर्देशित करते हैं कि हमें अपने जीवन में क्या करना चाहिए जो अर्थपूर्ण है। हम सभी अपने जीवन को पर्याप्त रूप से सार्थक बनाने के लिए अपना समय और प्रयास समर्पित करते हैं और सोचते हैं की उसके लिए जीवन भर क्या करना हैं। बहोत लोग मानते हैं कि सार्थक होने के लिए उनका जीवन अद्वितीय होना चाहिए। बेशक़, कुछ क्षेत्रों में ये महत्वपूर्ण हो। पर आपके जीवन की सार्थकता आपके मूल्यों की मौलिकता पर निर्भर करती हैं।

दुर्भाग्यवश हमारी तकनीक का कड़वा सच हैं की हमने जीने के साधन बेहतर ढंग से विकसित कर लिए हैं लेकिन साथ साथ हमने हमारे प्रियजनों के बीच एक POTHOLE भी बना लिया। सोशल मीडिया बहूत हद तक हमारे प्रियजन के बीच हमारी आपसी समज़ को ख़त्म करता हैं। कभी कभी सोशल मीडिया एक दूसरे के बीच के विश्वसनीयता की सीमा को भी बढ़ाता हैं क्योकि दुनिया में कुछ ऐसी भी बाते हैं जो सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया से ही सामने आये हैं। व्यक्ति में आत्मघात की प्रवृति भी जाने अनजाने में हमारे द्वारा दी गयी नफरत भरी टिप्पणियाँ से हो सकती हैं, फिर चाहे हम उस व्यक्ति के लिए बिलकुल अनजान हो। बेशक ऐसे घृणित टिप्पणीकारों के लिए बहुत सारे कानून हो, फिर भी यह हमारे वैयक्तिक जीवन पर प्रभाव छोड़ता हैं। सवाल ये है की, आज के क्रांतिकारी तेज़ी से हो रहे विकास में किसको दोषी ठहराया जाएं ? हमें वर्चुअल जिंदगी को वास्तविकता के धरातल पर रखते हुए जिंदगी जीना चाहिए। दोस्त, रिश्तेदार, सहपाठी और परिवार के लोगो के संपर्क में रहे और अपने सुख दुःख साँजा करें। मेरी राय में, अपने जीवन को सबसे अच्छे तरीके से जिएं, दुसरो के लिए हमारे जीवन का प्रभाव सटीक और विश्वसनीय होना चाहिए। हम निश्चित रूप से यह नहीं जान सकते कि हमारा जीवन सार्थक है या नहीं। इसीलिए हमें इस बारे में पूछताछ करने और जानने की जरुरत हैं ताकि हम अपने निहितार्थ की जाँच कर सके जो हमारे विचारों को प्रभावित कर सके। इसके लिए व्यक्तिगत तर्कों पर दोबारा विचार करें, अपने अनुभवों से सीखें और लोगों से परामर्श करें। कभी कभी, समय के साथ हम बस खुद से भी बदल जाते हैं लेकिन बहुत बार हम उन्हें बदल भी सकते हैं। जैसे, हम अपने स्वास्थ को बर्बाद कर सकते हैं या उसके साथ दोस्ती बना सकते हैं, हम अपनी सेहत को अपग्रेड कर सकते हैं या डाउनग्रेड। जिंदगी के छोटे छोटे लम्हो को खूब जिए, खूब एन्जॉय करें। किसी अज़ीज दोस्त के साथ किसी छोटी सी चाय के दुकान पर बैठकर उसे अपनी बेतुकी बातों से उसे हँसा सकते हैं, जिससे वह अपने दिल की बात आप से कहकर हल्का महसूस कर सके। हो सकता हैं, आपका कोई चाहनेवाला खुद हो कर आप से ना कहे, पर आप उससे ये तो जरुर कह सकते हो "तू सब छोड़, चाय पी... मैं हु ना तेरे साथ" । मेरा यकीन मानिये दोस्तों, यही चीज़ आखिर में आपके और आपके अजीज़ के जीवन के मायने बदल देगी। सारी दुनिया की धनदौलत एक तरफ़, सारा तनाव एक तरफ़ और आपका दोस्त एक तरफ़।

positivity
आप ये जान ले की जीवन में आप चाहें किसी भी मुकाम पर हो, आप की स्थिती कितनी भी ख़राब क्यों न हो लेकिन ये आप का अंत नहीं हैं। ये निश्चित रूप से स्पष्ट है की जीवन अचानक से सही नहीं हो जाएगा। हाँ, हम ऐसे क़दम जरूर उठा सकते हैं जो हमें अगली बार बेहतर बनाएं। हार मत मानिये, आप योग्य हैं और योग्य से बढ़कर है। किसी दूसरे के गलत कहने से आप गलत नहीं हो जाते, अगर आपने खुद की नज़र से गलत नहीं किया है तो । आप को गलत कहना हो सकता हैं ये उसकी अपनी समझ हो। आप ये निश्चित रूप से अनुभव करने के लायक हैं की आप का जीवन कितना महान हो सकता हैं। लेकिन आपको पहले ख़ुद के लिए सकारात्मक परिवर्तन करने होंगे, जो दूसरों को प्रेरित करें। यह मुश्किल हो सकता हैं, लेकिन यह कठिन क्षण बीत जायेगा, यदि आप ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो।

दोस्तों, हमारे साथ जुड़ कर आप ने हमें भी प्रोहत्साहित किया हैं। आप से अनुरोध हैं, इसे आप अपने दोस्तों, शुभचिंतको के साथ ज़रुर शेयर करें ताकि अनजाने में खोई हुयी आशा को पुर्नजीवित किया जा सके। इसमें कोई शक़ नहीं कि आप ऊर्जा से भरे हैं लेकिन कही दूर कोई न कोई हो सकता हैं निराशा में हो, दुःख में हो, जिसके लिए जीवन जीने का कोई मतलब नहीं उनके लिए आपका यह छोटा सा प्रयास बहोत बड़ी बात होगी। हमारे जीवन के सुखद पल यही होते हैं दोस्तों, जब हमें अपने चाहने वालों की सकुशलता मालुम हो । कृपया, आप सभी इसे अपनी ही बात समझे।

मृदुल मंगल कामनाओं के साथ।
 के लिए बदलने का अवसर है ... इस अवसर को न चूकें

6 comments:

  1. महोदय, आपके इस पोस्ट पढणे वाले हर शक्स को सकारात्मक ऊर्जा मिल सकती है...����

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  2. Replies
    1. Thanks Mrunalini.... hope, in future you will get interesting and inspirational posts at LIFOMETRY. Wish you happy reading.

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